खजुराहो मंदिर


खजुराहो मंदिर

 हमारे देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है खजुराहो मंदिर - पहले इस शहर के नाम के बारे में जानते हैं - मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो का इतिहास काफी पुराना है। खजुराहो का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा क्योंकि यहां खजूर के पेड़ों का विशाल बगीचा था। खजिरवाहिला से नाम पड़ा खजुराहो। इब्नबतूता ने इस स्थान को कजारा कहा है, तो चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी भाषा में इसे ‘चि: चि: तौ’ लिखा है। अलबरूनी ने इसे ‘जेजाहुति’ बताया है, जबकि संस्कृत में यह ‘जेजाक भुक्ति’ बोला जाता रहा है।







कई अनसुलझे रहस्यों से भरा है  यहां का इतिहास और इसे समझने के लिए हम यहां के मंदिरों के विषय में जो एक इतिहास प्रचलित है उसको जान लेते हैं यदि आप इस स्थान पर जाएँ तो आप एक लाइट एंड साउंड शो भी देख सकते हैं जो कि  प्रस्तुत इतिहास के विषय में बताता है -

 

अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्द यह खजुराहो के मंदिर के निर्माण से लेकर एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, जिसके मुताबिक काशी के प्रसिद्द ब्राहा्ण की पुत्री हेमावती, जो कि बेहद खूबसूरत थी।

एक दिन नदी में स्नान कर रही थी, तभी चन्द्रदेव यानि कि चन्द्रमा की नजर उन पर पड़ी और वे उनकी खूबसूरती को देखकर उन पर लट्टू हो गए और हेमवती को अपना बनाने की जिद में वे वेश बदलकर उसके पास गए और उन्होंने हेमवती का अपहरण कर लिया।


जिसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हो गया और फिर दोनों को चन्द्रवर्मन नाम का एक बेटा हुआ, जो कि बाद में एक वीर शासक बना और उसने चंदेल वंश की नींव रखी। हेमवती ने चन्द्रवर्मन का पालन-पोषण जंगलों में किया था, वह अपने पुत्र को एक  ऐसे शासक के रुप में देखना चाहती थी, जिसके कार्यों से उसका सिर गर्व से ऊंचा उठे। इसप्रकारअपनी माता के इच्छानुसार चन्द्रवर्मन एक साहसी और तेजस्वी राजा बना, जिसने मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहो में 85 बेहद खूबसूरत और भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया, जो कि अपने आर्कषण की वजह से आज भी पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं।


यहां के मंदिर अपनी अद्भुत शिल्पकला और अकल्पनीय मूर्तिकला के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है। यहां भारत के बेहद प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का समूह है। वहीं इन मंदिरों की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सभी सैलानियों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती हैं।

यहां क्युंकि मेरा उद्देश्य कला के विषय में रूचि रखने वाले सभी विद्यार्थियों को भी समुचित जानकारी प्रदान करना भी है तो बीच में हम कुछ मुख्य बिंदुओं को ले लेते हैं -


* १९वीं सदी में इन मंदिरों की खोज टी. एस. बर्ट ने १८३८ में की थी। एवं यह यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में घोषित है। 

* यह छतरपुर जनपद में ४६ किलोमीटर में विस्तृत है व उत्तर - प्रदेश के महोबा जनपद से ६० किलोमीटर दूर स्थित है। 

* यह चन्देलों की राजधानी थी। एवं उन्होंने शैव, वैष्णव , शाक्त , जैन सभी को आश्रय दिया। 

* यहाँ पुरातत्वविदों के अनुसार मंदिरों की संख्या २५  है। 

* यहाँ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर कंदरिया महादेव का मंदिर है। 

* कंदरिया महादेव भगवान् शिव को समर्पित है। 

* यहाँ अतिरिक्त प्रसिद्ध मंदिरों में लक्ष्मण मंदिर है जो भगवान् विष्णु को समर्पित है। 

 

ये मंदिर अपनी कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं जबकि वे कुल मूर्तियों के दशांश के बराबर भी नहीं हैं , वहाँ विभिन्न योगिक क्रियाओं के एवं विविध ग्रंथों के साथ ऋषियों के भी अद्भुत कलाकृतियाँ दर्शनीय हैं। इसके अतिरिक्त विष्णु के सभी अवतार, शिव के योगिक रूप एवं दैनिक जीवन के इतने उन्नत मूर्तिशिल्प हैं कि आज के समय में भी उनकी प्रशंसा वांछनीय लगती है - जैसे कि एकत्रित स्त्रियां जिनके सभी के बाल भिन्न - भिन्न प्रकार के जुड़े बनाये गए हैं एवं वे अत्यधिक आधुनिक प्रकार के पर्स हाथों में लिए हुए हैं , इसी प्रकार शराब पीते हुए व्यक्तियों की मुखमुद्रा - उनके नशे की हालत को दिखाती हैं और भी पशुओं से लेकर शिलालेखों तक , नंदी से लेकर भगवान् शिव का अद्भुत चमत्कारी शिव लिंग तक , वहाँ का जितना वर्णन करो कम लगता है।   

 12 वीं शताब्दी तक खजुराहों के मंदिर का सौंदर्य और आर्कषण बरकरार था, लेकिन 13 वीं सदी में जब दिल्ली सल्तनत के सुल्तान कुतुब-उद-द्दीन ने चंदेला साम्राज्य को छीन लिया था, तब खजुराहो मंदिर के स्मारकों में काफी बदलाव किया गया था, और इसके सौंदर्य में काफी कमी आ गई थी। इस दौरान अपनी अद्भुत कलाकृति और शाही बनावट के लिए मशहूर इन मंदिरों को नष्ट भी कर दिया गया था।  लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने 1495 ईसवी में बलपूर्वक खुजराहों के कई प्रसिद्ध मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था।

कुछ वैज्ञानिक एवं तांत्रिक रहस्य्मय पहलु भी हैं जो कि वहां जाने वाले एवं विविध रूचि रखने वाले सैलानियों  को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। 

👉क्या ये ब्लॉग किसी भी प्रकार से आपके लिए सहायक है या आपके सुझाव इस विषय में क्या हैं  … और आप आगे किन विषयों पर ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं  … कृपया अपने महत्वपूर्ण सुझाव दीजिये 🙏

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