Indian traditional art

.. इंडियन ट्रेडिशनल आर्ट हर राष्ट्र अपनी कुछ अलग पहचान रखता है और उसको विशेष रूप से उसकी कला माध्यम से जाना जा सकता है। भारतीय कला यहां की प्राकृतिक , सांस्कृतिक, प्रान्तिक और धार्मिक चिन्हों को लेकर अपनी पहचान बनाती है। इसके लिए हमें भारत के प्रान्तिक ( ट्रेडिशनल ) कला को समझना होगा। भारतीय कला में यहां की ट्राइबल और फोक कला सम्मिलित होती है। भारतीय कला में ज्वेलरी , स्टेचू , पेंटिंग, हेंडीक्राफ्ट सम्मिलित होते हैं जो भौगोलिक रूप से विभिन्न क्षेत्र में विकसित हुए। भारतीय कला को समझने के लिए हमें लगभग सभी इंडियन ट्रेडिशनल आर्ट को बारीकी से देखना और समझना पड़ेगा - उसमें किस प्रकार से कलात्मक डिटेल की गई है? क्या कलर यूज़ हुए हैं ? उनके पीछे क्या कहानियां हैं ? और उसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है ? इसके लिए पहले हम विभिन्न कलाओं को देख समझ लेते हैं। भारत की लोक चित्रकला भारत के विभिन्न - क्षेत्र या स्थान की जातियों व जनजातियों में पीढी दर पीढी चली आ रही पारंपरिक कलाओं को लोककला कहते ...