World Art Day 15th April

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                    World Art Day 15th April 



जब हम एलन मस्क का नाम लेते हैं तो एक शख्श ध्यान में आता है जो पचास साल आगे देख सकता है एक अद्भुत वैज्ञानिक है , लेकिन अगर में कहूँ कि १५वीं शती में एक ऐसा वैज्ञानिक भी हुआ है जो ५०० वर्ष आगे देख सकता था , और उसने ऐसे चित्र बनाये जो इसका प्रमाण हैं.. मेरी बात से क्या आप उस शक्श को पहचान पा रहे हैं -



अच्छा मैं कुछ और भी कहती हूँ - यदि मैं आपको  एक ऐसे व्यक्ति के बारे में कहूँ जो -  पेंटर,स्कल्पटर ,आर्किटेक्ट , मैथमेटिशियन , इनजीनियर , खगोलशास्त्रि  , भूवैज्ञानिक , शरीररचना-विज्ञानी, वनस्पति -विज्ञानी भी था और उसने ख़ास शिक्षा भी नहीं ली थी।  





अभी भी नहीं - 


अच्छा ठीक है-  मैं ही बताती   हूँ - उनका नाम है - लियनार्डो दा विन्सी , जिसका नाम लियोनार्डो डि सेर पिएरो दा विंची है - और उनका जन्म 15 अप्रैल 1452 को विंची के टस्कन पहाड़ी शहर में इटली में हुआ था।




इनके जन्म दिन को विश्व कला दिवस १५ अप्रेल को मनाया जाता है।  

आइये आप और मैं उनके बारे में थोड़ा और जानते हैं - 


* क्या आप जानते हैं कि हेलीकॉप्टर का पहला स्केच किसने बनाया था , वह भी लगभग ५०० वर्ष पूर्व पहली वास्तविक मशीन के आविष्कार के।  








* या फिर एक ऐसी लड़ाकू मशीन का स्‍कैच तैयार किया था, जो किसी भी दिशा में घूमकर हमला कर सकती थी. इसे मॉर्डन लाइफ में टैंक कहा जाता है, इसमें हल्के कैनन को गोल आकृति में दिखाया था।   माना जाता है कि बाद में उनके इसी आइडिया को ध्यान में रखकर मॉर्डन टैंक का आविष्कार किया गया। 







 ये सभी एक पहिए के ऊपर रखे थे जो 360 डिग्री घूम सकते थे। हथियार बनाने को लेकर कई सुझाव अपने स्‍कैचेज में दिए थे।  इसी में एक बड़े क्रॉस बो का स्केच भी था।  यह पहिएदार गाड़ी पर बना था, जिसे कहीं भी ले जाया जा सकता है। 

 





* या फिर पहली बार मनुष्य कैसे उड़ सकता है को लेकर फ्लाइट का विचार और स्केच किसने बनाये थे । और सिर्फ इस विषय पर ५०० से अधिक स्केच बनाये जिन पर आगे जाकर आविष्कार हुए।  और वह भी केवल मृत और जीवित पंछियों को उड़ते हुए और उनकी देह रचना देखकर , ऑब्ज़र्व करके सारे सिद्धांत बना दिए थे। 










चाहे वह पैराशूट हो या फ़्लाइंग मशीन - पहला व्यक्ति जिसकी कल्पनाओं ने इतनी उड़ाने भरी।  इस समय एक बात - मैं इशारे में कह भी देती हूँ - कि उस समय के राजा ड्यूक को इस सब में इंट्रेस्ट नहीं था इसलिए उन्हें ये सब छोड़ना पड़ा लेकिन उन्होंने यह  कह दिया था कि एक दिन मनुष्य मशीनों के जरिये उड़ पायेगा।  और ४५० वर्ष बाद राइट ब्रदर्स ने १९०३ में पहली फ़्लाइंग मशीन बनाई।  





* या फिर हमारी पूरी मांसल देह  व् हड्डियाँ किस तरह की होती हैं और किस तरह काम करती हैं इसको  पूर्ण रूप से समझने के लिए मृत मनुष्य के द्वारा - नसों को , हड्डियों को पूरा समझा और उसके बहुत से अद्भुत नोट्स और स्केच और मूर्तियां भी बनाई।  यहां  तक कि  ह्रदय और दाँतों  की भी।  






 वे  सत्य की खोज अद्भुत  उत्सुकता के साथ करते थे - जो भी विषय लेते थे उसको पूरा महसूस करने के बाद ही नोट्स के रूप में प्रस्तुत करते थे।  

यही नहीं अगर कहीं कुछ गलत किया है तो उसको स्वीकार भी करते थे।  

* या फिर स्वचालित कार की कल्पना जो कुछ समय पहले ही बनाई गई है या बच्चों के जन्म को लेकर स्केच हों  -  इन्वर्टर का स्केच हो या अद्भुत स्मार्ट सिटी की कल्पना सभी में उनकी दक्षता थी।  













* जब लोग फ्लैट कलर प्रयोग कर रहे थे तो मनुष्य की लाइट एंड शैडो वाली 3d चित्रकारी भी कोई आविष्कार से कम नहीं थी।  मोनालिसा पर वो कई वर्षों तक काम करते रहे और इतनी बारीकी से काम किया कि आज वह विश्व की सबसे अधिक रहस्यमय पेंटिंग मानी जाती है।  




मेरा मानना है कि जो लोग कला को कम आंकते हैं उन्हें इस पेंटिंग और इस कलाकार के विषय में गहराई से समझना चाहिए , ख़ास तौर पर कलाकारों को।    


 इस कलाकार का योगदान इतना है कि विश्व कलाकार दिवस इनके जन्म दिन पर मनाना हम सब के लिए सौभाग्य की बात है।  आज पहली बार मैं अपने ब्लॉग में लिखने से ज्यादा स्केच प्रस्तुत कर रही हूँ ताकि आप खुद उनकी महानता का अंदाजा लगा सकें।  



उनका जीवन सच्चे अर्थों में हमारे लिए प्रेरणा का विषय है।  मैंने एक बार पहले भी  ब्लॉग में  यह कबीर का  दोहा कहा है आज फिर कहती हूँ -


जीवन - मरण बिचारि करि कूड़े काम निबारि । जिनि पंथूं तझे  चालणा सोई पंथ संवारि।  

भावार्थ: जन्म और मरण का विचार करके , बुरे कर्मों को छोड़ दे। जिस मार्ग पर तुझे चलना है उसी मार्ग का स्मरण कर.... 

यहां इसको स्मरण करने का भाव है - 


 यदि हमने कला का विषय चुना है तो इसका महत्व और जिम्मेदारी दोनों ही बहुत अधिक हैं। 🙏

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